मैं इस सच्ची घटना को पांच भागों में प्रकाशित कर रहा हूँ. मेरे बचपन के दोस्त के साथ घटी यह घटना है. जो उसने कहा मैंने उसे सच मानते हुए लिख दिया है. उसके दो चचेरे भाइयों ने भी इस घटना की सत्यता स्वीकारी है. आज मेरा दोस्त और उसकी बीवी किस हाल में है ये मैं सबसे आखिर में बताऊंगा. आप तो बस मजा लिजीये. आपने आज तक ऐसी कहानी नहीं पढ़ी होगी ये मेरा चेल्लेंज है. जैसे जैसे यह कहानी आगे बढ़ती जायेगी वैसे वैसे आपकी उत्तेजना भी बढ़ती जायेगी. तो पढना आरम्भ किजीये और जिदगी का मज़ा लिजीये.
मुझे मेरी बीवी से बचाओ
भाग - पहला
आज से चार साल पहले मैंने यही बात कही थी अपने कुछ करीबी रिश्तेदारों को बताई थी जब मेरी शादी को दो महीने हुए थे. मेरी शादी सुमन से हुई थी. मैं बहुत खुश था. सुमन बहुत ही खुबसूरत थी. मेरे सारे दोस्त बहुत जले थे जब उन्होंने सुमन को देखा था. सुमन का रंग गुलाबी गोरा था. अच्छा कद और हुस्न की मल्लिका. हर अंग तराशा हुआ. कहीं कोई कमी नहीं निकल सके ऐसा हुस्न था उसका. मैं अहमदाबाद के नजदीक मणिनगर की एक फैक्ट्री में काम करता था. फैक्ट्री की अपनी कालोनी थी. मुझे वहीँ एक छोटा बंगला मिला हुआ था. बंगले में दो फ्लैट थे. एम् में मैं और दूसरे में एक पटेल परिवार रहता था. पटेल साहब हमारी फैक्ट्री में काम करते थे. उनके एक बेटा भी था जो दूसरी जगह काम करता था. वो भी मेरी ही उम्र का था. उसकी पत्नी का नाम था श्वेता. श्वेता भी सुमन की ही तरह गज़ब की खुबसूरत थी. वो मुझे सुनील भाई कहकर बुलाती थी और हमेशा अच्छे से बात करती थी. पटेल साहब की पत्नी का देहांत कुछ समय पहले हो चुका था.
मैं शादी के बाद सुमन को लेकर मणिनगर आ गया. अभी तक मैंने सुमन के साथ सुहागरात नहीं मन पाया था. सुमन शादी के समय से ही तेज बुखार के चलते बहुत कमजोर हो गई थी. मैं उसे पूरा आराम देना चाहता था. यहाँ आने के बाद दूसरे दिन ही श्वेता उससे मिलने आई और वो दोनों सहेलीयां बन गई. मैं बहुत खुश हो गया. एक दिन रात को मैंने सुमन को अपनी बाहों में भर लिया. वो भी कुछ ना बोली और खुद-बी-खुद सिमट गई. हम दोनों के एक दूसरे को काफी देर तक किस किया. जब मैंने सुमन के कपडे उतारे तो वो थोडा कसमसाई. मैंने उसे अपने साथ पूरी तरह नग्न कर दिया. मैंने उसे आज पहली बार इस तरह देखा था. उसके हर जिस्म का एक एक हिस्सा बहुत ही कारीगरी से बना हुआ था. मैं अपने आपको बहुत खुशनसीब समझने लगा. हम दोनों आपस में लिपट गए. लेकिन इसके आगे सुमन एकदम से ठंडी हो गई और हमारा मिलन अधुरा रह गया. लेकिन मैंने इसे कोई गलत नहीं माना. लेकिन हर बार वो ऐसा ही करने लगी तो मुझे थोड़ी हैरानी हुई. मैंने उससे एक दो बार पूछा तो उसने कुछ ना कहा और बात को टाल गई.
एक दिन मैं दोपहर को घर आ गया क्यूंकि मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा था. मैंने देखा की सुमन और श्वेता बहुत ही घुलमिलकर बातें कर रही है और हंस भी रही है. मुझे बहुत अच्छा लगा. सुमन का चेहरा आज पहली बार इतना खिला हुआ लग रहा था. रात को मैंने फिर एक बार कोशिश की लेकिन बात वहीँ आकर रुक गई. लेकिन इतना जरुरु हुआ की सुमन ने आज ज्यादा गर्मजोशी से मुझे भू चूमा था और खुद के भी चुम्बन दिए थे.
दो दिन बाद मुझे कुछ काम से किसी मीटिंग में जाना था. कपडे बदलने के लिए मैं घर पर गया. दरवाजा खुला था. मैं अपने कमरे में जैसे ही दाखिल हुआ मैंने देखा की सुमन और श्वेता दोनों ने एक दूसरे को गले से लगा रखा है. दोनों पलंग पर बैठी हुई है. सुमन श्वेता को चूम रही थी औए श्वेता सुमन के बाल सहला रही थी. मैं हैरान हो गया. अब मैं समझा की सुमन पूरी तरह से खुलकर मेरे साथ सेक्स क्यूँ नहीं कर रही थी. तो इसका मतलब यह हुआ की वो लेस्बियन है. मैंने सुना था की लेस्बियन आपस में ही संतुष्ट होते हैं ऐसा नहीं की वे मर्दों के साथ संभोग नहीं करते लेकिन ज्यादातर वो आपस में ही सेक्स सम्बन्ध बनाते हैं. मैं परेशान हो गया. मैंने ये बात मेरे कुछ करीबी रिश्तेदारों को बताई लेकिन किसी ने भी कोई सुझाव नहीं दिया. मेरी परेशानी बढती जा रही थी. हमारा सम्बन्ध केवल चुम्बनों तक ही रह गया था, यहाँ तक कि सुमन ने आज तक मुझे अपने होंठ चूमने नहीं दिए थे.
इन्ही दिनों मेरी मुलाकात मेरे एक बहुत पुराने मित्र से हुई. मैं उसे सारी समस्या बताई. उसने सारी बात सुनने के बाद मुझे कुछ सुझाव दिए. मुझे उसके सुझाव कुछ पसंद आये. मैंने उस दोस्त के बताये एक आदमी से मुलाकात कि. उस आदमी ने मुझे कहा कि काम हुआ समझो. उसी शाम को मैं उस आदमी से मिलने गया. उसने मुझे एक जवान लडकी से मिलवाते हुए कहा " ये सोनी है. ये आपके यहाँ काम करने के लिए तैयार है. मैंने इसे सब कुछ समझा दिया है. ये कल ही अपना सामान लेकर आपके घर पहुँच जाएगी. आपकी हर समस्या हल हो जायेगी." सोनी एक लगभग पैंतीस साल कि उम्र कि औरत थी. उसका शरीर जबरदस्त गंठा हुआ था. उसके स्तन तो जैसे ब्लाउज को फाड़कर बाहर आने को बेताब थे. वो दिखने में ज्यादा खुबसूरत नहीं थी लेकिन उसके गठे हुए शरीर और साफ सुथरे कपडे से दिखने में काफी गरम लग रही थी. सोनी ने मुझसे कहा " आप बिलकुल चिंता मत करना. मैं सब समझ गई हूँ. आपकी समस्या हल हुई समझो. मैं और आप मिलकर इस समस्या को सुलझा लेंगे. बस आप अपना सहयोग पूरा पूरा देना. समय समय पर मैं आपको इशारे से सब कुछ सम्जहती रहूंगी और कब मदद चाहिये बताती भी रहूंगी. आजकल इस तरह की समस्या बहुत कॉमन हो गई है. मैं ऐसी समस्याएँ सुलझा चुकी हूँ." मैं खुश होता हुआ घर लौट आया.
मैंने सुमन से कहा " मैंने तुम्हारी मदद के लिए एक नौकरानी रख ली है. घर का सारा काम कर लेगी और तुम्हे भी आराम रहेगा. मुझे तुम्हारी बहुत चिंता रहती है." सुमन ने खुश होते हुए कहा " ये तो बहुत ही अच्छी बात है. अब मैं फुर्सत में रहूंगी और घर की देखभाल ज्यादा आसानी से कर सकुंगी."
अगले दिन सवेरे ही सोनी अपने साथ एक सूटकेस लेकर आ गई. मैंने सोनी को सुमन से मिलवाया. सोनी ने सारा काम संभाल लिया. सोनी ज्यादातर ट्यूब टॉप के ऊपर फुल ज़िप्पर पहनती थी और नीचे घुटनों तक की लम्बाई की कैप्री. कुल मिलाकर वो नौकरानी नहीं बल्कि बाहर के देशो की तरह हाउस मेनेजर लगती थी.
जब मैं तैयार होकर नाश्ते के लिए टेबल पर आया तो नाश्ता लगा हुआ था. सुमन बैठी थी और बहुत खुश नजर आ रही थी. तभी सोनी आ गई. उसने सुमन के सर में मालिस करनी शुरू कर दी. सोनी ने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा. मैंने देखा कि सोनी ने सुमन के सर की मालिश करते करते उसकी कंधे और बाहें भी दबानी शुरू कर दी थी. सुमन को यह बहुत अच्छा लगने लगा. मैं मुस्कुराते हुए फैक्ट्री चला गया.
शाम को लौटने पर सोनी ने कहा धीरे धीरे योजना शुरू कर दी जायेगी. रात को खाना खाने के बाद सोनी ने सुमन से अपनी मसाज करवाने के लिए कहा. सुमन तैयार हो गई. सोनी ने मेरे सामने ही उसकी पीठ पर मसाज शुरू कर दी. सोनी के हाथ धीरे धीरे सुमन की पीठ के निचले हिस्से तक पहुँच गए. सुमन के उभरे हुए बटक्स ( चुतड ) सोनी के मसाज से हिलने लगे. सोनी के हाथ अब उसकी जाँघों तक पहुँच गए. सोनी के इशारे से मैं उठकर बाहर आ गया और खिड़की से अन्दर देखने लगा. सुमन अपनी जंगों पर मसाज से अब उत्तेजित होने लगी थी. सोनी अब और ज्यादा नीचे झुक गई. उसकी उभरी हुई छाती सुमन की पीठ को छूने लगी. सुमन थोडा कसमसाई. सोनी ने उसे अब सीधा लिटा दिया और मसाज करने लगी. पहले सर; फिर कंधे और फिर सोनी ने उसके उभारों को धीरे धीरे मसलना शुरू किया. सुमन ने सोनी को अपनी तरफ खींचा. सोनी ने अब अपने स्तन सुमन के स्तनों पर टिका दिए और अपने स्तनों से सुमन के स्तनों को हिलाने और दबाने लगी. सुमन ने सोनी को कसकर पकड़ लिया और अपने ऊपर लिटा लिया. सुमन सोनी के गालों को चूमने लगी. सोनी ने मुझे अन्दर आने का इशारा किया., मैं तुरंत अन्दर गया. सोनी ने सुमन की कुर्ती के बटन खोलकर उसे उतारना शुरू किया. सुमन ने कोई प्रतिरोध नहीं किया और जवाब में सोनी के ज़िप्पर को खोल दिया और उसे खींच कर उतार दिया. अब सोनी केवल ट्यूब टॉप में ही रह गई. सोनी का गदराया जिस्म मुझे उत्तेजित कर गया. उसकी उभरी हुई छातियाँ ट्यूब टॉप में से ऐसे झाँक रही थी जैसे कोई भारी चीज को बहुत पतले कपडे में बाँध कर लटकाया जाए. सोनी ने अब अपनी आधी नंगी छाती को सुमन की छाती से स्पर्श कराया. सुमन अब केवल ब्रा में थी. अब सोनी ने सुमन की लेग्गिंग्स उतार दी. सुमन ने भी जवाब में सोनी की कैप्री को खींच दिया. सोनी और सुमन दोनों अब केवल दो बेहद छोटे कपड़ों में थी जो उनके दोनों जरुरी हिस्सों को ढंके हुए थे. मैंने भी सोनी के इशारे पर अपने कपडे उतार दिए. अब मैं केवल अपनी अंडर वेअर में था. सोनी और सुमन एक दूसरे से लिपटे जा रहे थे. सोनी भी एकाएक नशे में आ गई. दोनों ने एक दूजे को चूमना शुरू किया. मुझे अब अपने पर काबू नहीं रहा. मैं भी पलंग पर चढ़ गया और उन दोनों के एकदम करीब बैठ गया. सुमन ने अचानक मुझे देखा और मुस्कुराई. मैंने भी मुस्कुराकर जवाब दिया. मैंने सुमन का एक हाथ पकड़ लिया. सुमन ने मुझे नीचे झुकने के लिए कहा. मैं नीचे झुका और सुमन के गालों को चूमने लगा. सुमन ने जवाब में मेरे गालों को चूम लिया.
मैं बहुत खुश हुआ क्यूंकि पहला राउंड सोनी ने मुझे जितवा दिया था. अब मैं भी लेट गया और उन दोनों के साथ लिपट गया. मुझे सोनी के उभरे हुए स्तन लगातार ललचा रहे थे. लेकिन सोनी सुमन से लिपटी हुई थी. मैंने सुमन को सोनी से अलग किया और सुमन मुझसे लिपट गई. सोनी ने मुझे देखकर आँख मारी। मैंने भी जवाब में आँख मारी. सुमन अब मुझे बेतहाशा चूमे जा रही थी. सोनी सुमन के नंगे जिस्म पर हाथ से मसाज कर कर के उसे लगातार उत्तेजित रख रही थी. तभी सुमन ने मुझे कसकर पकड़ा और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिए. इससे पहले की मैं जोर लगता सुमन ने तेजी से मेरे मुंह की सारी चाशनी अपने मुंह में खींच ली. फिर मैंने भी यही किया. सुमन के मुंह में गज़ब की मिठास थी. काफी देर तक हम दोनों एक दूसरे को इसी तरह चूमते रहे और चूसते रहे. सुमन ने सोनी को एक बार फिर अपनी तरफ खींचा. सोनी अब मेरे और सुमन के बीच आ गई. सुमन मेरे दायीं तरफ और सोनी मेरे बायीं तरफ आ गई. मैंने उन दोनों को पानी तरफ खींचा और छपता लिया. सोनी की गरम गरम छाती ने मेरे जिस्म में एक बिजली दौड़ा दी. सुमन ने मेरे मुंह को सोनी की तरफ धकेलते हुए उसे चूमने का इशारा किया. सोनी ने खुद अपने गाल आगे की तरफ बढ़ा दिए. मैंने उसके गाल चूम लिए. सुमन ने फिर सोनी से मेरे गाल चुमवाये. अब हम तीनों आपस में इसी चूमा चाटी में मशगुल हो गए. लगातार दो घंटों से भी अधिक समय तक हम तीनो इसी तरह करते रहे. सोनी भी इतना उत्तेजित रहते इतना थक गई थी कि वो हमारे साथ ही सो गई. हम तीनों केवल अपने अंतर्वस्त्रों में एक दूसरे से लिपटे हुए सो गए. बीच बीच में हम में से कोई जागता तो अन्य दोनों दूसरों को चूम लेता. लेकिन रहे हम तीनों ही आपस में सारी रात लिपटे और एकदम सटे हुए. एक परफेक्ट थ्रीसम इन बेड का उदहारण बन गए थे आज हम तीनों.
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