वो खाली दुकान और चार मीठे पकवान : भाग तीसरा
अब हर बुधवार मैं वीरा और पूनम के घर उनके साथ सोने लगा. हम हर बुधवार की पूरी रात संभोग करते. वीरा और पूनम भी मुझे लेस्बियन सेक्स करके दिखाती रहती. अब मुझे भी धीरे धीरे उन दोनों को इस तरह के सेक्स करता देख अच्छा लगने लगा था. कभी कभी हमें उस खाली दुकान में भी मौका मिल जाता. तारा और किट्टी के साथ मैं बहुत सावधानी से फ्लर्ट कर रहा था. पूरा एक महिना हो गया था लेकिन उन दोनों को मैंने अब तक पता नहीं चलने दिया था.
एक दिन लेकिन मेरी चोरी पकड़ी गई. उस दिन तारा कहीं गई हुई थी. उसे दो कस्टमर के यहाँ जाना था. मैंने मौका देख किट्टी को लिया और उस खाली दुकान में घुस गया. मैं किट्टी पूरी तरह नशे में सेक्स कर रहे थे. मेरा लिंग किट्टी के काफी भीतर तक घुसा हुआ था. तभी तारा लौट आई. वीरा और पूनम दोनों कस्टमर के साथ थी इसलिए तारा बाहर ही खड़ी हो गई. किट्टी के मुंह से मेरे झटकों से आवाजें निकल रही थी. तभी एक जोर से झटका लगा और उसके मुंह से एक चीख निकल गई. तारा ने वो चीख सुनली. उसने उस खाली दुकान से अपना कान लगाया. उसने फिर दरवाजे को धकेला लेकिन वो अन्दर से बंद था. तारा वहीँ खड़ी हो गई. जब मैंने और किट्टी ने अपना काम पूरा कर लिया तो हम दोनों दुकान से बाहर निकलने लगे. तारा ने हम दोनों को एक साथ निकलते देखा. किट्टी घबरा गई. मैं बिलकुल नहीं डरा. किट्टी पार्लर में चली गई. तारा ने मुझसे कहा " तुम अब मेरी हर लड़की के साथ सोने लगे हो." मैं बोला " इसमें बुरा क्या है तारा. उसे भी मेरा साथ अच्छा लगता है. तुम्हे भी मेरा साथ अच्छा लगता है. तुम्हे ज्यादा वक्त दिया करूंगा." तारा ने एक मुस्कान मेरी तरफ फेंकी और बोली " अगर ऐसा नहीं हुआ तो ...." मैं बोला " अगर ऐसा हुआ तो किट्टी को सामने खड़ा करूंगा और तुम्हारे साथ करता रहूँगा और उसे तड़पने दूंगा." तारा ने हाँ कह दी और पार्लर में चली गई. मैंने किट्टी को तारा की सारी बात बता दी और उसे सचेत कर दिया.
वो बुधवार का दिन था और मैं पूनम और वीरा के घर था. हम तीनों बिस्तर में थे. रात के करीब बारह बजे थे. तभी दरवाजे की घंटी बजने लगी. हम डर गए. हम तीनों अपने अपने कपडे पहने. पूनम ने दरवाजे के छोटे छेद से देखने के बाद बताया कि वीरा की मौसी और मौसा हैं. मैं घर की बालकनी से कूद कर वहां से निकल गया. मेरे घर के रास्ते में एक सिनेमा हॉल आता था. मैं जब वहां से गुज़र रहा था तो लास्ट शो छुटा ही था. मुझे उस शो में से तारा कुछ लडकीयों के साथ निकलती दिखाई दी. उसने भी मुझे देख लिया. उसने बताया कि वे सभी उसके बंगले में पेईंग गेस्ट हैं. तारा को पता था कि मैं अकेला ही हूँ. उसने उन लडकीयों को घर जाने के लिए कहा और मुझे बोली " आज की रात मैं तुम्हारी मेहमान बनना चाहती हूँ." मैंने तारा का हाथ पकड़ा और बोला " मुझे भी आज की रात किसी साथी की जरुरत है. चलो." मैं तारा को लेकर अपने घर आ गया. तारा ने तुरंत ही अपने सारे कपडे उतार दिए. मैं तारा को नंगे बदन बाथरूम में ले गया. मैंने अपने कपडे उतारे और शोवर चलाकर उसके साथ नहाने लगा. हम दोनों ने नहाने का खूब मजा लिया. उसके बाद तारा ने मेरे सारे बदन पर साबुन मलकर स्पोंज किया. ढेर सारा झाग पैदा हो गया. मैंने भी तारा के बदन पर यही सब किया. हम दोनों के बदन पर इतना सारा झाग आ गया कि ऐसा लगने लगा कि हमने झाग के बने कपडे पहन रखे हों. हम दोनों बैठे हुए एक दूजे से लिपटे हुए थे और आपस में अपने नंगे जिस्मों को रगड़ रहे थे. बहुत ही मजा आ रहा था. मैंने इसी हालत में बिना कंडोम के तारा के जननांग में अपना लिंग फंसा दिया. तारा को पहले तो गुस्सा आया लेकिन बाद में वो हंस पड़ी. हम काफी देर तक इसी स्थिति में बैठे रहे. फिर हम दोनों बिस्तर पर आ गए. अब मैंने कंडोम लगाया और तारा के जननांग को करीब एक घंटे तक लाल करता रहा. तारा ने बड़े मजे से अपने जननांग को लाल कराया. सवेरे तारा घर चली गई इस वादे के साथ कि अब वो हर सप्ताह में एक रात मेरे साथ जरुर बिताएगी.
अब एक सप्ताह की दो रातें मेरे लिए सुहावनी हो गई थी. किट्टी का परिवार काफी बड़ा था. उसके घरवाले उस पर कड़ी नजर भी रखते थे. इसलिए किट्टी पार्लर या फिर उस खाली दुकान में ही मिल सकती थी. हम दोनों कई बार एक दूसरे को छूने तक के लिए तड़पने लगे थे. कोई भी रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था. मैंने किट्टी को एक रास्ता सुझाया. किट्टी को मैंने पार्लर खुलने के एक घन्टे पहले बुलाना शुरू किया. अब हम दोनों सवेरे करीब नौ-दस बजे आ जाते और फिर दस या साढे दस बजे तक उस खाली दुकान में पलंग पर हमबिस्तर हो जाते. अब किट्टी के साथ भी मेरी इच्छा पूरी होने लगी थी. मुझे किट्टी और तारा बहुत ही सेक्सी और हॉट लगती थी. वीरा और पूनम के साथ मुझे सेक्स करने के बाद अब मेरे मान में ये ख्याल बार बार आने लगा था कि अगर तारा और किट्टी दोनों एक साथ लेस्बियन सेक्स करें तो कितना खुबसूरत नज़ारा होगा. उससे भी गरम और सेक्सी होगा मेरा उन दोनों के साथ सेक्स करना.
मैंने सबसे पहले तारा से बात करते हुए कहा " तुमने एक दिन पूनम और वीरा के लेस्बियन होने की बात कही थी. लेकिन मुझे तो उसमे कोई गलत बात नज़र नहीं आई." तारा बोली " गलत कुछ नहीं है. लेकिन ऐसे रिश्ते अच्छे नहीं होते. वे फिर सारी उम्र आपस में ही अधूरी सेक्स लाइफ बिताते हैं. मर्द का साथ उन्हें पसंद नहीं आता." मैंने कहा " तुम गलत कह रही हो. मैंने ये सब गलत सिद्ध कर दिया है. मैंने हर बुधवार की रात पूनम और वीरा के घर एक ही बिस्तर पर बिताता हूँ. " तारा हैरान हो गई. उसने कहा " ये कैसे हो सकता है?" मैंने कहा " तुम्हें यकीन नहीं होता तो इस बुधवार को ..." तारा बोली " तुम हो तो ये हुआ होगा. तुम कितने गरम और सेटिसफाई करने वाले मर्द हो ये मुझे अच्छी तरह से पता है. " मैं बोला " तारा जब दो लेस्बियन सेक्स करते हैं तो सबसे सुन्दर नजारा होता है. औरत का जिस्म सबसे कोमल और गुदगुदा होता है. जब ऐसे दो बदन आपस में टच होते हैं तो ....." तारा " तो तुम बहुत मजे ले रहे हो आजकल! एक नहीं चार चार." मैं बोला " तारा ; अगर तुम शुरू नहीं करती तो शायद आज भी मैं अकेला ही होता. तुम एक बार मुझे वीरा और पूनम के साथ देखो तो! सच कहता हूँ तुम भी ऐसा ही सेक्स करने को कहोगी. पार्टनर मैं ला दूंगा." तारा ने हाँ कह दी वीरा और पूनम के साथ सेक्स होता देखने के लिए. मैंने एक योजना बना ली.
मैंने पूनम और वीरा को बुधवार को मेरे घर इनवाईट किया. तारा को मैंने उन दोनों से पहले बुला लिया. मेरे बेडरूम की खिड़की के परदे के पीछे तारा को छुपकर बैठा दिया. इसके बाद वीरा और पूनम के आते ही मैंने उन्हें उत्तेजित करना शुरू किया. जल्द ही पूनम और वीरा अपने सारे कपडे उतारकर पलंग पर चली गई और उन दोनों ने लेस्बियन सेक्स मुद्राएँ और पोजीशंस करनी शुरू की. मैंने तारा के हिसाब से कमरे की लाईट चालू रखी. तारा उन दोनों को देख उत्तेजित होने लगी. पूनम और वीरा ने लगभग हर लेस्बियन सेक्स किया. आखिर में मैंने उन दोनों के साथ सेक्स शुरू किया. दोनों को एक एक कर लिटाया और उनके जननांगों को एकदम गरम और लाल कर दिया. तारा का मारे उत्तेजना के बुरा हाल होने लगा. मैंने सोचा कि इस तरह तो तारा सारी रात तड़पती ही रह जायेगी. मैंने अब वीरा और पूनम को ज्यादा जोर के झटके दे देके अपने गुप्तांग को उनके गुदगुदे जननांगों में ऐसा घुसाया कि उनकी सारी ताकत जाती रही. वे दोनों सीधी लेट गई. उनका बदन पसीने पसीने हो गया. रही सही कसर मैंने उनके उपर लेटकर उनके होंठों को जोर से चूस चूसकर कर दी. अब उनमे बिलकुल भी ताकत नहीं थी. दो मिनट के बाद वे दोनों गहरी नींद में सो गई.
मैंने तारा को खिड़की के पीछे से निकाला और मेरे ड्राइंग रूम के सोफे पर ले गया. तारा मुझसे चिपक गई थी. वो पूरी तरह से चार्ज हो चुकी थी. मैंने उसके सारे कपडे उतारे और उस पर पिल पड़ा. मैंने अपनी सारे ताकत लगा दी उसे सेटिसफ़ाई करने के लिए क्यूंकि तारा आज एक साथ तीन जनों को सेक्स करते देख जबरदस्त चार्ज हो चुकी थी. मैं जितना जोर लगता तारा उससे भी अधिक जोर से अपने जननांग को भेदने को कहती. अब मेरी ताकत ख़त्म सी होने लगी थी लेकिन तारा मुझे छोड़ने को तैयार नहीं थी. ना जाने उसमे इतनी उर्जा कहाँ से आ गई थी कि मेरे लगातार जोर जोरे झटकों के बावजूद उसमे जोश बाकी था. मैंने आखिर में तारा के होंठों को अपने होंठों से पूरी तरह से जोर से दबाया और उस वक्त मौजूद सारा जिस एक साथ चूस लिया तथा एक बहुत ही जोर से अपने लिंग को धकेलते हुए उसके जननांग में अधिकतम दुरी तक पहुंचाते हुए अपने लिंग से मलाई को तारा के जननांग में छोड़ दिया. जैसे ही कंडोम उस मलाई से भरा और फैला तारा के जननांग में एक जोर की गुदगुदी पैदा हुई और वो मुझसे जोरदार चिपक गई. मैं तारा को इसी तरह से पकड़कर और अपने गुप्तांग को जननांग में रखकर सो गया. लगभग दो घंटों के बाद जब हम दोनों अलग हुए तो एक दूसरे से अलग होने की बिलकुल भी इच्छा नहीं हो रही थी. तारा ने मुझे चूमा और बोली " तुम अब हम दोनों के अलावा तीसरी पार्टनर तलाश सकते हो. इस रविवार को छुट्टी है. हम पूरा रविवार एक साथ बिताएंगे." मैंने तारा को चूमा और बोला " जैसा तुम चाहो. "
अब मैंने यही दांव किट्टी पर अपनाया. किट्टी भी यह देखने के लिए तैयार हो गई. मैंने अगले ही दिन किट्टी को भी इसी तरह पूनम और वीरा का सेक्स दिखाया. किट्टी भी तारा की तरह चार्ज हो गई. मैंने किट्टी को भी तारा की तरह से भेदा. आखिर में किट्टी ने भी तारा की तरह तीसरा पार्टनर तलाशने की बात कही. मैंने किट्टी को तारा का नाम बताया. किट्टी पहले तो झिझकी लेकिन फिर तिययर हो गई. अगले दिन मैंने तारा को किट्टी को तीसरा पार्टनर बताया. तारा ने पहले तो गुस्सा किया लेकिन जब मैंने उससे कहा कि वो और किट्टी दुनिया की दो सबे खुबसूरत हसीनाएं लगेगी और जबरदस्त मजा आयेगा; तो तारा भी तैयार हो गई.
अब मेरा दिमाग थोडा और दौड़ा. मैंने वीरा और पूनम को सारी बात बताई. वे दोनों चौंक गई. मैंने उन्हें रविवार को तारा और किट्टी को लेस्बियन बनकर सेक्स करते हुए देखने के लिए बुलाया. अब हम पाँचों रविवार का इंतज़ार करने लगे. अलग अलग लेकिन सिर्फ सेक्स के बारे में सोचते और उत्तेजित हो जाते.
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