सोमवार, 21 जून 2010

वो खाली दुकान और चार मीठे पकवान : भाग चौथा
 
रविवार के दिन गोवा में छुट्टी थी. योजना के अनुसार वीरा और पूनम बड़े सवेरे ही मेरे घर आ गई. मैं वीरा और सुमन के साथ हमबिस्तर हो गया. तारा और किट्टी के आने में अभी एक घंताथा और मैं इस वक्त का पूरा फायदा उठा लेना चाहता था. मैंने यह फायदा उठा भी लिया.
उन दोनों को मैंने पलंग के पीछे वाले दरवाजे कि ओट में छुपाकर खड़ा कर दिया. तारा पहले आई और उसके तुरंत बाद में किट्टी भी आ गई. मैंने उन दोनों को चूमा और मेरे बेडरूम में आ गए. तारा और किट्टी दोनों ने पहले एक दूसरे को देखा और फिर मुस्कुरा दी. मैंने आगे बढ़कर पहले किट्टी को निर्वस्त्र कर दिया. फिर मैंने अपने कपडे उतारे और आखिर में तारा के सभी कपडे उतार दिए. तारा और किट्टी को मैंने आमने सामने कर दिया.
तारा ने किट्टी को अपने गले से लगाया. किट्टी ने तारा के गालों को चूमा. तारा ने किट्टी के गरदन के नीचे चूमा. इसके बाद दोनों को हल्का सा नशा छाया. अब वे दोनों अपने आप धीरे धीरे एक दूजे को जगह जगह चूमने लगी. मैं उनके एक दम पास आ गया और उन दोनों को आपस में और दबाकर करीब ले आया. तारा और किट्टी के जब बूब्स आपस में मिले और दबे तो मेरा सारा जिस्म अन्दर तक हिलने लग गया. उनके कोमल कोमल नाजुक नाजुक उभरे हुए स्तन आपस में ऐसे मिलकर लग रहे थे जैसे दो पानी से भरे हुए गुब्बारों को हम आपस में मिलाकर दबा रहे हों. मेरे सिखाये अनुसार तारा किट्टी के ऊपर लेट गई और उसने किट्टी के जननांग को अपने जननांग से दबाना शुरू किया. दोनों अब मदहोश हो गई. इस नज़ारे को देख पीछे छुपी हुई वीरा और पूनम से भी नहीं रहा गया और वे भी आपस में चिपक गई. मैंने उन्हें देखा तो तुरंत परदे के पीछे गया और उन दोनों को अपनी बाहों में दबाकर उन्हें चूमा और जल्दी से वापस तारा और किट्टी के पास आ गया. अब किट्टी तारा के ऊपर लेट गई. दोनों को बड़ा मजा आ रहा था. उन दोनों के लिए यह पहला मौका था लेस्बियन सेक्स का लेकिन पहली बार में ही उन दोनों ने करीब एक घंटे से भी ज्यादा वक्त तक मजा लिया. अब मैं उनके साथ शामिल हो गया.
मैंने पहले तारा को अपने साथ संभोग के लिए चुना. मैंने तारा और किट्टी को वीरा-पूनम के कमरे में होने की बात बता दी. तारा ने उन दोनों को भी साथ लेने को कहा. मैंने उन दोनों को भी बुला लिया. मैं तारा के ऊपर था और किट्टी वीरा के ऊपर चढ़ गई. पूनम हम दोनों जोड़ों के बीच आ गई और बारी बारी से दोनों जोड़ों को चूम चूमकर उत्तेजित करने लगी. मैंने एक एक कर चारों के साथ करीब आधे आधे घंटे तक संभोग किया. मुझ पर थकान हावी हो रही थी. मैंने आराम करने का सोचा. वीरा ने सभी को एक सुझाव दिया. अब चारों अपने अपने पार्टनर बदल बदलकर लेस्बियन सेक्स करने  लगी. मैं लेटा हुआ उन्हें देखता रहा. मैं अपने को बहुत खुशकिस्मत समझ रहा था जो इस रात में चार चार लडकीयों के साथ शामिल था. मुझे लेस्बियन सेक्स देखना बहुत ही भा रहा था. मेरी यह इच्छा हो रही थी कि वे चारों इसी तरह से सेक्स करती रहें और मैं उन्हें देखता ही रहूँ.  अब पूनम के कहने पर वे चारों एक घेरा बनाकर बैठ गई. फिर एक दूसरे को बारी बारी से फेंच किस करने लगी. इसे स्विन्गिंग किस कहा जाता है. इसके बाद वीरा के कहने पर चारों ने एक दूसरे के जननांग को अपने बायीं और दायीं ओर बैठी दोनों से उनकी उंगलीयों से सहलाने और दबाने को कहा. जब उन चारों ने ऐसा करना शुरू किया तो मेरा लिंग भी रस बहाने लग पडा.
काफी देर तक यह सब चला फिर सभी कुछ देर के लिए लेट गई. इसके बाद हम सभी ने खाना खाया. मैंने किट्टी के लाये केक को सभी को खाने को कहा इसके बाद सभी को एक दूसरे के मुंह से खाने और खिलने को कहा. इससे जो सभी ने एक दूसरे के मुंह ; होंठ और जीभ को जो चूमा और चूसा वो देखने लायक था. सभी एक दूसरे के मुंह पर लगे केक को खा रहे थे.
इसके बाद सभी ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया. अब एक एक मेरे ऊपर आती और लेट जाती. इसके बाद मुझे जगह जगह चूमती. इस तरह से करते करते हम सभी एकदम पूरी तरह से उत्तेजित हो गए. वीरा ने मेरे लिंग पर कंडोम कास दिया. मैंने सबसे पहले तारा; फिर किट्टी ; उसके बाद पूनम और आखिर में वीरा के जननांग को अपने लिंग से खुद जोर से गरम किया. उनके जननांग के आसपास का रंग इससे लाल हो गया.  सभी को मैंने तीन तीन बार अपने साथ लिया.
अंत में मैंने सभी को एक लाईन में लिटाया और एक एक को जल्दी जल्दी थोड़ी थोड़ी देर के लिए गरम किया और उनके जननांगों को दूर तक भेद दिया. देर रात तक इसके बाद भी उन चारों ने मुझे नहीं छोड़ा. वे बार बार मुझे करवाती रही और मैं बार बार करता रहा. सभी ने करीब करीब छह - सात बार मुझसे अपना जननांग गरम और गीला करवाया.
इस रात के बाद हम कई बार ऐसी राते गुज़ार चुके हैं. वो दुकान अब भी खाली है. वहां भी रंगरलीयां जारी है. मेरी जिन्दगी बहुत रसीली हो चुकी है. सबसे अहम् बात यह है कि वीरा और पूनम अब मेरे घर में मेरे साथ ही रहने लगी है.

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