मंगलवार, 24 अप्रैल 2012


हम दोनों को फिर से जवानी आ गई ==== दूसरा भाग 

अगले दिन दोपहर के खाने के बाद ही मैं बेला के घर चली गई. बेला मेरे चेहरे से समझ गई कि कोई खुश खबर है. मिने बेला को बीती रात  की सब बात बता दी. बेला बहुत खुश हो गई. मैंने बेला को अपनी कमजोरी बताई . बेला ने कहा " भाभी, इसका इलाज भी मेरे पास है. आज मैं वो ही बताने वाली हूँ."  मैं खुश हो गई.
बेला ने और मैंने कल वाले ही कपडे पहन लिए. बेला ने मुझे बाहों में लिया और बोली " भाभी ऐसे सूखे होंठों को कौन चूमेगा. आओ मैं आपको कुछ बताती हूँ." बेला ने अपने पर्स में से लिपस्टिक निकाला  और गहरे लाल रंग से मेरे होंठों को रंग दिया मगर बाद में साफ़ कर दिया और कहा " लिपस्टिक के साथ चुम्बन मैं कल बताउंगी." .. उसने मुझे फिर बाहों में लिया और मेरे होंठों के एकदम करीब अपने होंठ लाते हुए बोली " स्वीट डार्लिंग, इन होंठों में ना जाने कितना गुलाब का जूस भरा हुआ है मैं नहीं जानता. अगर तुम अपने इन दोनों प्यालों को मेरे हवाले कर दो तो मेरी सब प्यास बुझ जायेगी" मैंने बेला से कहा " मगर बेला, मैं काँप जाती हूँ शुरू से ही जब शेखर मेरे होंठ चूमा करते थे. पता नहीं ऐसा क्यूँ  होता है. मुझे लगता है मेरी सांस बंद हो जाएगी." बेला बोली " भाभी, ऐसा कई के साथ होता है. इसका इलाज है पहले एक दूजे के होंठ को अपने होंठ से सिर्फ छूना और धीरे धीरे सहलाना. कुछ देर ऐसा करने के बाद फिर होंठों को होंठों पर रख दो. फिर धीरे धीरे होंठों से होंठों को थोड़ा दबाव और हटा लो. फिर दबाव बनाओ और फिर हटाओ. ऐसा करने से नशा बढ़ने लगेगा. बाद में एक दूसरे को कसकर बाहों में जकड़कर अपने अपने होंठों को पूरा फैला दो. इसके बाद धीरे धीरे आगे बढ़कर होंठों को होंठों से मिला दो और फिर चूमना शुरू कर दो. पांच सेकण्ड के बाद फिर होंठ दूर ले जाओ. पांच सेकण्ड रुको और फिर ऐसा ही चूमो. इस तरह ऐसा नशा आयेगा कि फिर इसके बाद ये पांच सेकण्ड एक मिनट में बदल जाएगा. भाभी असली नशा सेक्स का फ्रेंच किस यानि होंठों से होंठों के चुम्बनों से ही आता है. आप जितना होंठों से होंठों को चुमोगी ना उतना ही आपको उत्तेजना आएगी और आपको ऐसा लगेगा कि आपके बीतर कोई तरंग उठ रही है और आपके नीचले हिस्से में जल्दी ही कुछ बहने लगेगा." मैं बेला की बातें सुनकर मन ही मन रात के लिए योजना बनाने लगी. 
मैंने अब खुद ही अपने होंठ बेला के सामने फैला दिए. बेला ने जैसा बताया था . हम दोनों ने पहले एक दूजे के होंठों को छुआ, फिर थोड़ा सहलाया, फिर दबाव बढाया और बाद में धीरे धीरे थोड़ी थोड़ी देर के लिए चूमना शुरू किया रुक रूककर. बेला ने कहा वैसे ही मुझे नशा आने लगा. मेरे मुंह से आह, और सी सी की मीठी सी आवाज आने लगी. ऐसी ही आवाज बेला के मुंह से भी आने लगी.  मैंने और बेला ने होंठों के चुम्बनों का यह दौर करीब दस मिनट तक जारी रखा. मुझे इतना नशा आ गया कि मैं बेला की बाहों में झूम गई. बेला मुझे पलंगपर लिटाकर मेरी बाजु में लेट गई. मेरी धड़कन बेकाबू थी. शरीर पसीने पसीने हो रहा था. बेला ने मुझे अपनी बाहों में पकड़ा और मेरे गाल चूमकर बोली " आराम कर लो भाभी . इसे नशा कहते हैं सेक्स का." मैं मन ही मन बेला का बार बार शुक्रिया कर रही थी जिसने मुझे और शेखर को एक नयी सेक्स की सिंदगी दी थी.
बेला ने कहा " भाभी, कल मैं और अलग अलग तरीके बतलाऊंगी चुम्बनों के. कल आप एक नयी दुनिया में खुद को महसूस करोगी तमाम अलग अलग चुम्बनों के करने के बाद." इतना कहकर बेला ने मेरे होंठों पर अपने होंठ रखे और एक ही पल में मेरे होंठों को एकदम गीला कर दिया. बेला ने जैसा कहा था इस चुम्बन से मुझे ऐसा  लगा जैसे सच में मेरे अन्दर एक गीलापन हो रहा है. 
मैंने सोचने लगी कि मैं जो सीख रही हूँ बेला से वो तो ठीक है मगर बेला के साथ जो मैं कर रही हूँ वो कोई गलत तो नहीं है. मैंने बेला से ये पूछ ही लिया. बेला ने जवाब दिया " भाभी इसमें कुछ भी गलत नहीं है. दो औरतो का ऐसा करना स्वाभाविक प्रक्रिया है. कामसूत्र में भी लिखा गया है कि एक महिला को अगर सेक्स के बारे में कुछ सीखना हो तो अपनी किसी रिश्तेदार महिला या सहेली से सीखना चाहिए और आपस में दोहराना भी चाहिए. जब कामसूत्र जैसा ग्रन्थ जो कि हजारो साल पहले लिखा गया था, भी ऐसा कहता  है तो इसमें गलत कैसे हो सकता है. इतिहास में भी ऐसी कई घटनाएं लिखी गई है अलग अलग किताबों में कि राजा महाराजा अक्सर एक साथ दो दो औरतो को लेकर सोते थे. अपने पति के विदेशो में जाने के बाद कई औरतें अपनी सेक्स की भूख इसी तरह अपनी किसी महिला मित्र या रिश्तेद्र के साथ बरसो से मिटाती आई है. आप इतना मत सोचो कि ये गलत है. आप तो बस अपने जिस्म को जो अच्छा लग रहा है वो करती जाओ."  बेला के जवाब के बाद मेर मन हल्का हो गया.
रात को एक बार फिर मैंने ट्यूब टॉप और हॉट शोर्ट में थी. मैंने बेला से सखा गे चुम्बनों का तरीका शेखर के साथ अपनाया. मैंने शेखर के होंठों को अपने होंठों से उसी तरह से शुरू किया और थोड़ी देर के बाद मेरे और शेखर के होंठों आपस में मिल चुके थे और हम दोनों रुक रूककर एक दुसरे के होंठों का रस पी रहे थे. शेखर जबर्दस्त नशे में आ गए और करीब दो घंटों तक मुझे नहीं छोड़ा. शेखर ने मेरे सारे जिस्म को बहुत गर्मी से चूमा. शेखर जब भी मेरी गर्दन के नीचे के हिस्से को और मेरे कन्धों को चूमते तो मुझे बुत मजा आता. जैसा बेला ने कहा मैं शेखर से कहती जाती " और गरम चुम्बन दो मुझे शेखर डार्लिंग. मेरी गरदन को भिगो दो तुम. मेरे कन्धों में जितना रस भरा है वो सारी मिठास तुम पी लो आज." शेखर पर और नशा आ  जाता और वो और गर्मी से मुझे चूमने लग जाते. 
बेला ने आज मेरी इस रात को एक तरह से दूसरी सुहागरात जैसा कर दिया था. मुझे अब कल का इंतज़ार था अजब बेला मुझे अलग अलग चुम्बन सिखानेवाली थी. 






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