सोमवार, 23 अप्रैल 2012

हम दोनों को  फिर से जवानी आ गई ==== पहला भाग 

मैं और मेरे पति पिछले पच्चीस सालों से इस छोटे से शहर में रहते हैं. शादी के बाद पंद्रह -बीस  साल तक तो हम सेक्स में बहुत मजा करते थे. मगर बाद में धीरे धीरे हम सेक्स के मामले में ठन्डे होते गए. हमारे एक बेटी हुई. जिसकी हमने तीन साल पहले शादी कर दी. अब अकेलापम हमें खाने को दौड़ता. सेक्स में हम ठंडे हो गए तो और भी खालीपन लगता. मैं और मेरे पति बहुत   कोशिश करते मगर सेक्स को लेकर कोई उत्तेजना नहीं आती हम दोनों में. महीने में एकाध बार ही कोई इच्छा होती.
हमारी बिल्डिंग में दो मंजिले थी और हर मंजिल पर दो फ्लेट थे. एक दिन हमारे सामने वाले खाली फ्लेट में सामान आता दिखाई दिया. मैंने बाद में दरवाजे से बाहर देखा तो एक जवान लड़की दिखी. उसने बताया कि वो यहाँ रहने आई है. उसकी शादी हो चुकी है मगर उसके पति विदेश में नौकरी करते हैं. साल भर बाद उसे भी बुला लेंगे. उसका नाम बेला था. बेला बेहद खुबसूरत और छरहरी थी. ख़ूबसूरत तो मैं भी बहुत थी मगर दिल में यही था कि अब मेरी उमर हो गई है. इसी कारण खुद की सुन्दरता नहीं दिखाई देती थी मुझे. 
मेरी और  बेला की दोस्ती हो गई. मेरे पति शेखर भी खुश हुए कि मेरा दिल लगने लगेगा. हम दोनों रोज शाम की चाय एक साथ लेती और फिर शेखर के आने तक गपें लगाती.
एक दूजे की पसंद ना पसंद तक जल्दी ही हम दोनों को पता चल गई. कुछ दिनों में हम और आपस में खुलकर बाते करने लगी. फिर एक दिन मेरे मुंह से यह सब भी निकल गया हमारी सेक्स लाइफ के बारे में. बेला ने हैरानी से कहा " आप दोनों इतने ख़ूबसूरत हो फिर ऐसा क्यूँ?" मैंने सब कुछ डीटेल में बता दिया उसे. बेला उस दिन चुपचाप चली गई;

दो दिन बाद बेला मेरे साथ चाय पीते पीते मुझ से हम दोनों के सेक्स के सभी तरीके पूछे जो हम अपनाते थे. मैं पहले झिझकी मगर बाद में सब बता दिया.  बेला कुछ देर तक सोचती रही और बाद में बोली " भाभी , मैं आपको वो सब बातें बताउंगी जिस से आपकी सेक्स लाइफ फिर से रंगीन और जावानो जैसी हो जायेगी. हम कल से शुरुवात करेंगे." मैं बेला के जाने के बाद सोचती रही कि आखिर वो क्या बताएगी. सारी रात मैं अगले दिन की राह में सोई नहीं.
दोपहर को बेला ने मुझे अपने घर बुलाया . मैं बेला के बेडरूम में पहली बार गई आज. बेला के बेडरूम में एक कोने में कुछ किताबें रखी हुई थी  जो सेक्स रे रिलेटेड ही थी.सभी के कवर पर मर्द और उरतें कम से कम कपड़ों में लिपटे दिख रहे थे.. पलंग पर लाल रंग की चद्दर बिछी हुई थी. 
 बेला ने कहा " भाभी , मेरे नसीब में सेक्स पूरे एक साल बाद आयेगा. मैं इन किताबों से ही काम चलाती हूँ. बेला ने एक किताब ली और मुझे अपने पास बिठाकर उसके पन्ने पलटने लगी. एक पन्ने पर कोई लेख था. बेला ने कहा " भाभी, सबसे पहले हम इसी लेख से शुरू करते हैं. इसमें एक दूसरे को उत्तेजित करना सिखाया गया है." मं उन तस्वीरों को देखने लगी और साथ ही उस लेख को भी पढने लगी. फोटो देखते हुए कुछ अजीब सा  लगा मगर फिर सब शांत हो गया. मुझमे कोई उत्तेजना नहीं आई जैसा बेला ने कहा था. मैंने बेला को सब कहा . बेला मेरे एकदम पास बैठी हुई थी. बेला ने मेरे गले में अपने हाथ डाले और मेरे गालों से अपने गाल टच करते हुए बोली " आप इतनी ठंडी कैसे हो भाभी. इन फोटो को देखने के बाद तो मैं तकिया दबाकर और अपनी टांगों को आपस में रगड़कर सोती हूँ."  मैं कुछ ना बोली. क्यूंकि बोलने जैसा कुछ था ही नहीं. बेला ने अचानक मेरे गालों को चूमा और बोली " भाभी सेक्स के लिए गरम होना सीखो जैसा आप पहले होती थी." बेला का मेरे गाल चूमना मुझे थोड़ी सिहरन दे गया. 
अगले दो दिन मेरा बेला से मिलना नहीं हो सका क्यूंकि मेरे घर कोई रिश्तेदार आये हुए  थे. तीसरे दिन मैं खुद ही चाय बनाकर बेला के घर चली गई. बेला और हम चाय पीने लगे. बेला बोली " भाभी , मैंने कुछ सोचा है आपके लिए. कल रात मैंने टीवी पर एक अंग्रेजी फिल्म देखी थी . उसमे ऐसी औरतों को गरम होना बताया गया था जैसा आपका केस हैं. इस से आप भी फिर से सेक्स के लिए फ्रेश होना और गरम होना सीख जाओगी और मेरा भी अकेलापन कुछ हद तक पूरा हो जाय्गेया. " मैंने  चौंक कर उस  की तरफ देखा कि ये क्या कहना चाहती है. बेला ने मेरी तरफ मुस्कुराकर देखा और बोली " भाभी, इस तरह से भोली और ठंडी रहोगी तो कैसे आगे बढ़ेगी गाडी बिस्तर में मजा करने की. आओ हम शुरुवात करते हैं." 
बेला ने मुझे अपनी बाहों में भरा और बोली " आप ये समझो कि मैं आपके वो हूँ और हम सेक्स की शुरुवात कर रहे हैं. ओके रेडी." मैं मुस्कुराई और शर्मा गई. बेला ने मुझे अपनी बाहों में और जोर से जकड़ा और बोली " डार्लिंग इतना भी क्या शरमाना मुझ से. मेरी जान तुम तो आज मुझे कहीं का नहीं रखोगी इतना गज़ब ढा रही हो" मैं दूर होने लगी तो बेला ने मुझे अलग किया और बोली " भाभी, ऐसे कपडे नहीं पहनना है आपको रात को. आप छोटे छोटे कपडे पहना करो. जैसे एकदम छोटा स्कर्ट , स्पोर्ट्स ब्रा. वैसे सबसे सेक्सी टॉप ट्यूब टॉप होता है. मर्द एकदम से पिघल जाते हैं ट्यूब टॉप में महिला को देखकर. रुकिए मैं आपको ये दोनों ही लाकर पहनाती हूँ."  बेला ने मुझे एक बहुत ही छोटा सक्र्त पहना दिया और ऊपर एक गोल कपड़ा जिसे उसने ट्यूब टॉप जहा पहना दिया. मैंने जब खुद को आईने में देखा तो हैरान रह गई. मैं एकदम अलग लग रही थी. बेला ने अब खुद अपनी लम्बी कमीज उतारकर एक स्लीवलेस बनियान पहन ली और एक हाल्फ पेंट पहन लिया और मुझे फिर से बाहों में भर लिया और बोली "   डार्लिंग इतना भी क्या शरमाना मुझ से. मेरी जान तुम तो आज मुझे कहीं का नहीं रखोगी इतना गज़ब ढा रही हो.. इस हॉट स्कर्ट और ट्यूब टॉप में तुम किसी कातिल हसीना से कम नहीं लग रही हो. ऐसा लग रहा है जैसे मेरे सामने रसमलाई है और मैं बहुत ही भूखा हूँ." मैं हंस पड़ी. तभी बेला ने मेरे गाल पर एक लंबा चुम्बन लिया. मैं सरसरा उठी. बेला ने मुझे और कसकर अपनी बाहों में जकड लिया और ट्यूब टॉप के कारण नंगे कन्धों और गले को हौले हौले चूमने लगी. बेला के नाजुक होंठ मेरे ऊपर असर करने लगे. बेला बोली " ऐसे ही शुरुवात होती है भाभी. कम से कम कपडे किसी भी मर्द की नीयत ख़राब कर सकते हैं. 
मैं बेला की इस बात को मन ही मन मान गई कि मैं अब रात को ऐसे ही कपडे पहनूंगी. मैं बार बार आईने में खुद को देखती तो हैरान हो जाती. मेरी नंगी गोरी टांगें बहुत सेक्सी दिख रही थी. उस पर से मेरा स्तनों के ऊपर का नंगा बदन और कंधे किसी अंग्रेजी फिल्म की हीरोइन से कम नहीं बता रहे थे. मैंने अपने आपको कभी ऐसा महसूस नहीं किया था जैसा आ कर रही थी. ये सब बेला का कमाल था.  मैं थोड़ी देर बाद घर लौट आई. बेला ने मुझसे कहा " हम लगातार ये ट्रेनिंग जरी रखेंगे भाभी."
रात को मैंने बेला के दिए वे दोनों कपडे पहन लिए और चद्दर ओढ़कर लेट गई. शेखर आये और मुझे चद्दर ओढा देखकर बोले " गर्मी के मौसम में तुमने चद्दर ओढ़ रखी है" मैंने शरारत से मुस्कुराकर कहा " तुम ही हटा दो अगर गर्मी है तो" शेखर थोड़ा रुके और फिर उन्होंने चद्दर खिंच कर दूर हटा दी. उन्होंने जैसे ही मुझे शोर्ट स्कर्ट और टीब टॉप में देखा उनकी आँखें फटी की फटी रह गई. मेरा आधा खुला हुआ गोरा चिकना बदन , मेरे ट्यूब टॉप के नीचे छुपे हुए स्तन जो अपनी गोलाई के कारण किसी बहुत बड़े रसगुल्लों की तरह नज़र आ रहे थे. मैंने अपनी टांगों को यहाँ वहाँ बेला के सिखाये अनुसार फैलाना शुरू किया. शेखर की आँखों से मुझे यह लगने लगा कि उनकी नीयत शायद कुछ कुछ डोल रही है. उन्होंने मुस्कुराकर कहा " ये नया अवतार कैसे " मैंने कहा " मैं वो ही हूँ, बस थोडा बहक गई हूँ" शेखर ने आगे बढ़कर मुझे बैठाया और फिर बाहों में भर लिया. मैंने तुरंत अपने गाल शेखर  के आगे कर दिए. शेख ने उन्हें चूमा. एक बार नहीं बार बार चूमा. मैंने मन ही मन बेला को धन्यवाद् किया. अब मैंने शेखर के गाल चूम लिए.   इन चुम्बनों का हम दोनों पर थोडा असर हुआ. मैंने अब शेखर की टी शर्ट उतार दी और शोर्ट भी उतार दिया. शेखर मुझे लेकर अपने लिपटा कर मेरे खुले कन्धों को बेतहाशा चूमने लगे. मुझे नशा आने लगा था. मैंने धीरे से ट्यूब टॉप बेला के बताये अनुसार नीचे खिंच लिया. मेरे स्तनों का उपरी गोल हिस्सा थोड़ा सा बाहर झाँकने लगा. शेखर ने एक ललचाई नज़र मुझ पर डाली और उन गोलाइयों को इतना जोर से चूमा कि मेरा सीना गीला कर दिया. हम दोनों इसी चुम्बनों के दौर से मदहोश हो गए. एक लम्बे अरसे के बाद आज हम दोनों को इतना नशा आया था. करीब आधे घंटे के बाद शेखर मुझे अपनी बाहों में भरकर पलंग में लेट गए और मेरी गर्दन के नीचे और खुले हुए सीने को काफी देर तक चूमते रहे. मुझे बहुत अच्छा लगा मगर मैं पता नहीं क्यूँ शेखर को चूम नहीं पाई और खुद को ही चुमवाती रही.  मैंने मन ही मन तय किया कि कल बेला से इसके बारे में बात करुँगी.

1 टिप्पणी:

  1. वी. सिंह साहब-- आप का ब्लॉग देख खुशी हुई.बहुत अच्छा लिखते है आप.-- मेरे ब्लॉग की भी कभी मुलाक़ात लीजियेगा... :)

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